भारत पर ट्रंप की ‘टैरिफ मिसाइल’: रूस से तेल खरीद बना अमेरिका की आँखों की किरकिरी? एक्सपर्ट ने बताई पूरी कहानी

07 08 2025 trump modi tariff conflict 24006095

📍 नई दिल्ली | डिजिटल डेस्क
भारत और अमेरिका के रिश्तों में इन दिनों हल्की गरमी साफ महसूस हो रही है। वजह है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर टैरिफ यानी शुल्क बढ़ाने का एलान। लेकिन सवाल उठता है – ट्रंप आखिर ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्या सिर्फ व्यापारिक तनाव है या इसके पीछे कुछ और भी है?

दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन ने इस पूरे मुद्दे पर एक बड़ा खुलासा किया है — और अगर उनकी बातों पर यकीन किया जाए, तो ट्रंप का असली मकसद भारत को रूस से तेल खरीदने से रोकना है।


🔥 ट्रंप क्यों बढ़ा रहे हैं टैरिफ? जानिए एक्सपर्ट की राय

माइकल कुगेलमैन के मुताबिक,

“टैरिफ ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करे और उसकी जगह अमेरिका से एनर्जी डील करे।”

ट्रंप को लगता है कि अगर भारत को आर्थिक रूप से दबाव में डाला जाए तो वो रूस से दूरी बना सकता है।
यानी टैरिफ वॉर एक इकोनॉमिक हथियार बन चुका है।


🇮🇳 भारत ने साफ कहा – हम किसी के दबाव में नहीं झुकेंगे

भारत सरकार ने ट्रंप की धमकियों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट रुख अपनाया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा:

“भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए अपने फैसले खुद करेगा। जो भी फैसला होगा, वो देश के हित में होगा – किसी दबाव में नहीं।”

यह स्टैंड बताता है कि भारत स्ट्रैटजिक ऑटोनॉमी (रणनीतिक स्वतंत्रता) से कोई समझौता नहीं करेगा।


🤝 “मोदी ने ट्रंप को सीजफायर का क्रेडिट नहीं दिया – यहीं से बिगड़ी बात”

माइकल कुगेलमैन ने ट्रंप के नाराज़ होने की एक और बड़ी वजह बताई।

“जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ, तब पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि किसी तीसरे देश ने इसमें कोई भूमिका नहीं निभाई।”

यानी ट्रंप, जो इस शांति प्रक्रिया का क्रेडिट लेना चाहते थे, सीधा रिजेक्शन मिलने से नाराज़ हो गए।

ट्रंप का ईगो हर्ट हुआ और अब वो भारत को टैरिफ के जरिए सबक सिखाना चाहते हैं।


📞 फोन कॉल से भी खफा हो गए ट्रंप

मामला सिर्फ इतना नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप उस वक्त भी नाराज़ हो गए थे जब पीएम मोदी ने एक कॉल में दो टूक कहा था कि

भारत अपनी विदेश नीति में किसी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता।

इस तरह के बयान ट्रंप के आत्मसम्मान (या कहें ईगो) को चोट पहुंचाते हैं। इसलिए अब वो हर मंच पर भारत को “कड़ा जवाब” देने की बात कर रहे हैं।


📈 अब ट्रंप ने भारत को बताया ‘खराब बिज़नेस पार्टनर’

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को खुले तौर पर चेतावनी दी है कि

“भारत एक खराब ट्रेड पार्टनर है और अगले 24 घंटे में टैरिफ की दरें और बढ़ाई जाएंगी।”

याद दिला दें कि 1 अगस्त को ट्रंप ने पहले ही भारतीय आयात पर 25% शुल्क लगाने के आदेश पर साइन कर दिए थे। अब वो इसे और बढ़ाने का इशारा दे रहे हैं।


📌 भारत की रूस से तेल खरीद पर क्यों भड़का अमेरिका?

  • भारत, रूस से डिस्काउंट रेट पर तेल खरीद रहा है

  • इससे अमेरिका को दोहरा झटका लगता है:

    1. भारत उनकी शर्तों पर एनर्जी डील नहीं कर रहा

    2. रूस को नुकसान पहुंचाने की अमेरिका की कोशिशों पर असर पड़ रहा है

इसलिए ट्रंप चाहते हैं कि भारत रूस से दूरी बनाए और अमेरिका से तेल खरीदे।


📊 ट्रंप की रणनीति और भारत की जवाबी चाल

मुद्दा ट्रंप की नीति भारत की प्रतिक्रिया
रूस से तेल खरीद बंद करो, नहीं तो टैरिफ लगेगा हम अपनी जरूरत के हिसाब से फैसला लेंगे
व्यापार समझौता भारत के साथ संतुलन नहीं भारत कोई ‘कमज़ोर पार्टनर’ नहीं है
सीजफायर क्रेडिट अमेरिका चाहता था क्रेडिट भारत ने नकारा, खुद क्रेडिट लिया

 टैरिफ वॉर से बड़ा है ट्रंप का ‘ईगो वॉर’

इस पूरे विवाद से साफ है कि ट्रंप की नाराज़गी सिर्फ व्यापार को लेकर नहीं है — इसमें राजनीतिक अहंकार, रणनीतिक दबाव और पर्सनल ईगो भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

लेकिन भारत की ओर से एक बात बिल्कुल साफ कर दी गई है —

किसी भी दबाव में झुकना भारत की नीति नहीं है।

अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में ये टैरिफ वॉर और कितना लंबा चलता है – और भारत इसमें कैसे अपनी जगह मज़बूती से बनाए रखता है।

Vijay

I’m the Founder & CEO of getintangible.com a platform where technology meets tradition. I write and curate powerful content across multiple sectors like education, technology, UPSC & government exams, farming, village development, digital health, and social awareness.

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