जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: 27 जून से 5 जुलाई तक की पूरी जानकारी

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जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: 27 जून से 5 जुलाई तक भक्ति का मेला!

 जगन्नाथ रथ यात्रा का नाम सुनते ही मन में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की लहर उठती है! ये पवित्र उत्सव, जो 27 जून 2025 से पुरी, ओडिशा में शुरू होकर 5 जुलाई तक चलेगा, सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि लाखों भक्तों की आस्था का समंदर है। यूपी के गाँव-शहरों से लोग बस-ट्रेन पकड़कर पुरी पहुँचते हैं, ताकि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को खींच सकें। रथ की रस्सी पकड़ना मानो भगवान से सीधा दिल का रिश्ता जोड़ना है! इस ब्लॉग में हम हर चीज़ की पूरी जानकारी देंगे – तारीख, समय, इतिहास, रीति-रिवाज, महत्व, और यूपी से पुरी जाने का तरीका – ताकि भक्तों के सारे सवालों के जवाब मिल जाएँ। सब कुछ यूपी की देसी बोली में, जैसे गाँव की चौपाल पर कोई भाई समझा रहा हो।

चलो, चौपाल पर बैठकर इस देसी मेले की पूरी कहानी सुनें, जैसे कोई गुरुजी बोले, “बेटा, ये रथ यात्रा भगवान का पवित्र मेला है, जहाँ हर भक्त उनका खास मेहमान बनता है!”


इतिहास: भगवान की सदियों पुरानी कहानी

जगन्नाथ रथ यात्रा का इतिहास 12वीं सदी से शुरू होता है। स्कंद पुराण, ब्रह्म पुराण और पद्म पुराण में इसका ज़िक्र है। कहते हैं, भगवान जगन्नाथ, जो श्रीकृष्ण का रूप हैं, हर साल अपनी जन्मभूमि मथुरा जाना चाहते हैं। इसीलिए वो अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंदिर (मौसी का घर) की यात्रा करते हैं। एक कथा में राजा इंद्रद्युम्न ने भगवान विष्णु के आदेश पर जगन्नाथ मंदिर बनवाया और रथ यात्रा शुरू की। दूसरी कहानी कहती है कि सुभद्रा ने पुरी शहर देखने की इच्छा जताई, तो जगन्नाथ और बलभद्र उन्हें रथ पर बिठाकर ले गए। गजपति राजा अनंतवर्मन चोडगंगदेव ने 12वीं सदी में इसे भव्य बनाया। यूपी के भक्त, जो मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबे रहते हैं, इसे भगवान का देसी मेला मानते हैं।

ये यात्रा भक्ति, एकता और मोक्ष का प्रतीक है। रथ खींचने से पाप धुलते हैं और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

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2025 में क्या होगा: तारीख, समय और रीति-रिवाज

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025, 27 जून से शुरू होकर 5 जुलाई को नीलाद्रि बिजय के साथ खत्म होगी। ये नौ दिन का उत्सव आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर शुरू होता है। द्रिक पंचांग के मुताबिक, द्वितीया तिथि 26 जून को दोपहर 1:24 बजे शुरू होगी और 27 जून को सुबह 11:19 बजे खत्म होगी। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग और हर्षण योग बन रहा है, जो इसे और शुभ बनाता है।

यहाँ हर दिन की मुख्य रस्में हैं, ताकि भक्त सब समझ सकें:

  • स्नान पूर्णिमा (12 जून): भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को 108 घड़ों से स्नान कराया जाता है।
  • अनवसरा (13-26 जून): भगवान 15 दिन तक गुप्त रहते हैं, क्योंकि स्नान के बाद वो ‘बीमार’ हो जाते हैं।
  • गुंडिचा मार्जन (26 जून): गुंडिचा मंदिर को साफ किया जाता है।
  • पहंडी और चेरा पहरा (27 जून): भगवान को मंदिर से रथ तक लाया जाता है। गजपति राजा झाड़ू से रास्ता साफ करते हैं।
  • गुंडिचा यात्रा (27 जून): तीनों रथ (नंदिघोष, तलध्वज, दर्पदलन) गुंडिचा मंदिर की ओर चलते हैं।
  • हेरा पंचमी (1 जुलाई): माता लक्ष्मी गुंडिचा मंदिर जाकर भगवान को बुलाती हैं।
  • बहुदा यात्रा (4 जुलाई): भगवान वापस जगन्नाथ मंदिर लौटते हैं।
  • सुन बेशा (6 जुलाई): भगवान को सोने के आभूषणों से सजाया जाता है।
  • नीलाद्रि बिजय (5 जुलाई): भगवान मंदिर में लौटकर स्थापित होते हैं।

2025 में #RathYatra2025 पर सोशल मीडिया में तस्वीरें और वीडियो ट्रेंड करेंगे। श्री जगन्नाथ धाम ऐप और YouTube पर लाइव स्ट्रीमिंग से घर बैठे दर्शन होंगे।


चुनौतियाँ और समाधान: यात्रा को आसान कैसे करें?

पुरी में लाखों भक्तों की भीड़, जून की गर्मी और टिकट बुकिंग की दिक्कतें चुनौतियाँ हैं। यूपी से जाने वाले भक्तों को ट्रेन टिकट और ठहरने की जगह पहले बुक करनी पड़ती है।

इन दिक्कतों से बचने के लिए ये कदम हैं:

  • कड़ी सुरक्षा: ओडिशा सरकार 2025 में CCTV, ड्रोन और पुलिस तैनाती बढ़ाएगी।
  • जगन्नाथ एक्सप्रेस बस: लखनऊ और गोरखपुर से पुरी के लिए बसें शुरू होने की उम्मीद।
  • श्री जगन्नाथ धाम ऐप: दर्शन का समय, रूट और अपडेट्स की लाइव जानकारी।
  • वर्चुअल दर्शन: YouTube और ऐप पर लाइव स्ट्रीमिंग से घर बैठे दर्शन।

टिप्स: यूपी से पुरी यात्रा

यूपी से पुरी जा रहे हो, तो ये  टिप्स हर सवाल का जवाब देंगे:

  1. टिकट पहले बुक कर: लखनऊ-पुरी, गोरखपुर-पुरी या प्रयागराज-पुरी ट्रेन की टिकट 2-3 महीने पहले IRCTC ऐप से बुक करें।
  2. हल्का सामान ले: गर्मी में भारी बैग तकलीफ देगा। पानी की बोतल, छाता और छोटा बैग काफी है।
  3. भीड़ में सावधानी: रथ खींचते वक्त जेबकतरों से बचें। पैसे और फोन होटल में लॉक करें।
  4. गर्मी से बचाव: ORS, पानी, सनस्क्रीन और टोपी साथ रखें।
  5. पोड़ा पitha चखें: गुंडिचा मंदिर के पास मंदिर का प्रसाद और पोडा पिठा ज़रूर खाएँ।
  6. ऐप डाउनलोड करें: श्री जगन्नाथ धाम ऐप से लाइव अपडेट्स चेक करें।
  7. पुरी के पास घूमें: पुरी बीच, चिलिका झील और कोणार्क सूर्य मंदिर देखें।
  8. सोशल मीडिया पर शेयर: #RathYatra2025 पर तस्वीरें शेयर करें।

रियल-लाइफ कहानी: गोरखपुर के शिवम की पुरी यात्रा

गोरखपुर के पास एक गाँव में शिवम रहता है। 2024 में वो पहली बार रथ यात्रा में गया। गोरखपुर-पुरी ट्रेन से पहुँचकर जब उसने भगवान जगन्नाथ का रथ खींचा, तो उसकी आँखें भर आईं। वो कहता है, “भइया, रथ की रस्सी पकड़ते ही ऐसा लगा, जैसे भगवान मेरे साथ चल रहे हों। सुन बेशा में भगवान को सोने में सजा देखकर मन को इतना सुकून मिला कि सारी थकान भूल गया।” शिवम ने पोडा पिठा  खाया और #RathYatra2024 पर तस्वीरें शेयर कीं, जो गाँव में सबको दिखाता है।

यूपी के भक्तों के लिए ये यात्रा गाँव के मेले जैसी है, जहाँ भगवान अपने भक्तों से दिल से मिलते हैं।


FAQs: भक्तों के सारे सवालों के जवाब

1. जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 कब है?
27 जून 2025 से शुरू, 5 जुलाई को नीलाद्रि बिजय के साथ खत्म।

2. रथ यात्रा का समय क्या है?
द्वितीया तिथि 26 जून को दोपहर 1:24 बजे शुरू, 27 जून को सुबह 11:19 बजे खत्म।

3. रथ यात्रा का महत्व क्या है?
भगवान का भक्तों से मिलन और मथुरा यात्रा का प्रतीक। रथ खींचने से पापों से मुक्ति और मोक्ष मिलता है।

4. मुख्य रीति-रिवाज क्या हैं?
स्नान पूर्णिमा (12 जून), चेरा पहरा, पहंडी, गुंडिचा यात्रा, हेरा पंचमी (1 जुलाई), बहुदा यात्रा (4 जुलाई), सुन बेशा (6 जुलाई), नीलाद्रि बिजय (5 जुलाई)।

5. रथ कैसे बनते हैं?
नीम की लकड़ी से बिना कील-लोहे के बनते हैं। जगन्नाथ का रथ (नंदिघोष) 45.5 फीट ऊँचा, 16 पहिए।

6. यूपी से पुरी कैसे जाएँ?
लखनऊ, बनारस, गोरखपुर, प्रयागराज से ट्रेन या बस। टिकट पहले बुक करें।

7. गैर-हिंदू दर्शन कर सकते हैं?
हाँ, रथ यात्रा में सभी धर्म के लोग दर्शन और रथ खींच सकते हैं।

8. घर से दर्शन कैसे करें?
श्री जगन्नाथ धाम ऐप और YouTube पर लाइव स्ट्रीमिंग से।


निष्कर्ष: जगन्नाथ रथ यात्रा – यूपी की भक्ति का देसी उत्सव

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि यूपी के भक्तों के लिए भगवान से दिल का रिश्ता है। 27 जून से 5 जुलाई तक, स्नान पूर्णिमा से नीलाद्रि बिजय तक, हर रस्म में भक्ति की मिठास है। रथ खींचना हो, सुन बेशा देखना हो, या #RathYatra2025 पर तस्वीरें शेयर करना, ये यात्रा हर भक्त को जोड़ती है। भीड़ और गर्मी की दिक्कतें हैं, लेकिन भगवान के दर्शन का सुकून सब भुला देता है।

तो भइया, इस देसी मेले का हिस्सा बनने के लिए टिकट बुक कर और पुरी चल! घर बैठे हो तो लाइव स्ट्रीमिंग देखो। नीचे कमेंट में बता – तुझे रथ यात्रा में क्या सबसे खास लगता है? हमारे ब्लॉग को फॉलो कर, ताकि हर त्योहार की खबर तुझ तक सबसे पहले पहुँचे!

Internal Link Suggestion: पुरी जगन्नाथ मंदिर: इतिहास और रहस्य
External Link Suggestion: जगन्नाथ मंदिर की ऑफिशियल वेबसाइट

Vijay Yadav

I’m the Founder & CEO of getintangible.com a platform where technology meets tradition. I write and curate powerful content across multiple sectors like education, technology, UPSC & government exams, farming, village development, digital health, and social awareness.

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