पंचायत 4: जानिए कौन कितना पढ़ा-लिखा? सचिव जी, बिनोद और बनराकस का एजुकेशन

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पंचायत 4: सचिव जी, बिनोद और बनराकस – कौन कितना पढ़ा-लिखा?

भइया, जब से *पंचायत* सीरीज़ शुरू हुई, यूपी-बिहार के गाँव-कस्बों में चौपाल पर बस इसी की चर्चा है! फुलेरा गाँव के सचिव जी, बनराकस, और “ए भईया” वाले बिनोद ने तो हमारे दिल में घर कर लिया। ये सीरीज़ सिर्फ हँसी-मज़ाक नहीं, बल्कि गाँव की ज़िंदगी का आईना है। हर किरदार ऐसा लगता है जैसे हमारे गाँव का कोई भाई-चाचा हो। लेकिन क्या तुमने सोचा कि ये किरदार कितने पढ़े-लिखे हैं? सचिव जी तो IITian हैं, बनराकस NSD से पासआउट, और बिनोद का तजुर्बा तो मास्टर्स से भी बड़ा है! चलो, चौपाल पर बैठकर इन सबकी पढ़ाई-लिखाई की कहानी जानते हैं।

इस ब्लॉग में हम *पंचायत 4* के किरदारों की ऑन-स्क्रीन और रियल-लाइफ एजुकेशन की पूरी डिटेल लाएँगे। साथ ही, देखेंगे कि पढ़ाई और ज़िंदगी की समझ में क्या फर्क है। बने रहो, भइया!


पंचायत 4 की ताज़ा खबरें: नया क्या है?

 ताज़ा अपडेट: *पंचायत 4* 24 जून 2025 को Amazon Prime पर रिलीज़ हुई और गाँव-गली में धूम मचा रही है! इस सीज़न में सचिव जी और रिंकी की लव स्टोरी आगे बढ़ी, बनराकस ने क्रांति देवी को पंचायत चुनाव जितवाकर सबको चौंका दिया। X पर फैन्स बिनोद के नए डायलॉग “हम तो बस देख रहे हैं” को लेकर मीम्स बना रहे हैं। TVF ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि सीज़न 4 में गाँव की पॉलिटिक्स और इमोशनल ड्रामा ज़्यादा है, जो यूपी-बिहार के दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है। TVF इंटरव्यू देखें

फैन्स का कहना है कि इस बार कहानी में ज़्यादा गहराई है, लेकिन कुछ को पुरानी हँसी-मज़ाक की कमी खली। एक X पोस्ट में लिखा: “बिनोद भाई का एक डायलॉग और गाँव का माहौल – बस यही तो चाहिए था!”


किरदारों की पढ़ाई-लिखाई: फुलेरा की चौपाल का सच

*पंचायत* के किरदारों ने अपनी सादगी और मज़ेदार अंदाज़ से सबको दीवाना बना दिया। लेकिन उनकी पढ़ाई-लिखाई की कहानी भी कम मज़ेदार नहीं। आइए, एक-एक किरदार की डिग्री और तजुर्बे का हिसाब लगाएँ:

  • सचिव जी (अभिषेक त्रिपाठी): शो में फुलेरा गाँव के पंचायत सचिव, जिन्होंने CAT क्लियर किया और MBA की राह पर हैं। असल ज़िंदगी में जितेंद्र कुमार IIT खड़गपुर से सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech हैं। कॉलेज के ड्रामा क्लब में एक्टिंग का शौक जगा, और आज फुलेरा का हीरो बन गए!
  • बनराकस (भूषण): फुलेरा का मसखरा, जिसने क्रांति देवी को पंचायत चुनाव जितवाकर सबको चौंकाया। शो में पढ़ाई का ज़िक्र कम है, लेकिन पॉलिटिकल दिमाग गज़ब का है। असल में दुर्गेश कुमार ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, फिर NSD से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और श्री राम सेंटर से परफॉर्मिंग आर्ट्स सर्टिफिकेट हासिल किया।
  • प्रधान जी (बृज भूषण): गाँव के प्रधान, जिनकी देसी पॉलिटिक्स को कोई डिग्री नहीं चाहिए। शो में कम पढ़े-लिखे दिखाए गए, लेकिन रियल लाइफ में रघुबीर यादव ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से थिएटर में मास्टर्स डिग्री ली है।
  • मंजू देवी: फुलेरा की प्रधान पत्नी, जो पारंपरिक गृहिणी के रूप में कम पढ़ी-लिखी दिखती हैं। असल में नीना गुप्ता ने संस्कृत में मास्टर्स डिग्री और NSD से एक्टिंग की पढ़ाई की है।
  • रिंकी (माला): मंजू देवी की बेटी, मॉडर्न और आत्मविश्वासी। शो में कॉलेज ग्रेजुएट दिखाई गईं। असल में सान्विका ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है, जो उनकी मॉडर्न पर्सनैलिटी को और मज़बूत करता है।
  • बिनोद: “ए भईया” और “देख रहा हूँ” वाला किरदार, जिसकी सादगी फुलेरा की जान है। शो में स्कूल ड्रॉपआउट दिखाया गया, लेकिन असल में अशोक पाठक ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री हासिल की है।
  • विकास: पंचायत का ऑफिस असिस्टेंट, जो सरकारी काम चुटकियों में निपटाता है। शो में पढ़ाई का ज़िक्र नहीं, लेकिन असल में चंदन रॉय ने पटना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और IIMC से मास कम्युनिकेशन में डिप्लोमा किया है।
  • प्रहलाद: फुलेरा का वफादार चा, जो सीधा-सादा दिखता है। शो में कम पढ़ा-लिखा दिखाया गया, लेकिन असल में फैसल मलिक ने B.Com की डिग्री ली और फिर मुंबई में एक्टिंग सीखी।
  • क्रांति देवी: बनराकस की पॉलिटिकल पार्टनर, जो कम पढ़ी-लिखी लेकिन चालाक है। असल में सुनिता राजवार ने NSD से 1997 में ग्रेजुएशन पूरा किया।

रियल लाइफ बनाम ऑन-स्क्रीन: डिग्री और तजुर्बे का मेल

*पंचायत* की कहानी में किरदारों को गाँव की ज़िंदगी के हिसाब से कम पढ़ा-लिखा दिखाया गया, लेकिन असल ज़िंदगी में इनके एक्टर्स की डिग्रियाँ हैरान कर देंगी। यहाँ तुलना देखो:

किरदार ऑन-स्क्रीन पढ़ाई रियल लाइफ पढ़ाई एक्टर
सचिव जी CAT पास, MBA की राह IIT खड़गपुर (B.Tech, सिविल इंजीनियरिंग) जितेंद्र कुमार
बनराकस कम पढ़ा-लिखा, पॉलिटिकल दिमाग इंजीनियरिंग, NSD डिप्लोमा, श्री राम सेंटर सर्टिफिकेट दुर्गेश कुमार
प्रधान जी कम पढ़ा-लिखा, अनुभव से चलता NSD (थिएटर में मास्टर्स) रघुबीर यादव
मंजू देवी कम पढ़ा-लिखा, पारंपरिक गृहिणी संस्कृत में मास्टर्स, NSD नीना गुप्ता
रिंकी कॉलेज ग्रेजुएट इंजीनियरिंग डिग्री सान्विका
बिनोद स्कूल ड्रॉपआउट, तजुर्बा कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी (मास्टर्स) अशोक पाठक
विकास अज्ञात, सरकारी काम में माहिर पटना यूनिवर्सिटी ग्रेजुएशन, IIMC मास कम्युनिकेशन डिप्लोमा चंदन रॉय
प्रहलाद कम पढ़ा-लिखा, गाँव का अनुभव B.Com, मुंबई में एक्टिंग प्रशिक्षण फैसल मलिक
क्रांति देवी कम पढ़ा-लिखा, पॉलिटिकल चालाकी NSD (1997 में ग्रेजुएशन) सुनिता राजवार

ये तुलना दिखाती है कि फुलेरा के किरदार भले ही देसी और कम पढ़े-लिखे लगें, लेकिन असल ज़िंदगी में इनके एक्टर्स की डिग्रियाँ टॉप-क्लास हैं। बिनोद और मंजू देवी जैसे किरदारों की सादगी और तजुर्बा शो को ज़िंदादिल बनाता है, जबकि असल में इनके एक्टर्स की पढ़ाई उनकी एक्टिंग को और निखारती है।


पढ़ाई vs समझ: डिग्री से ज़्यादा ज़िंदगी का तजुर्बा

सचिव जी की IIT डिग्री, बनराकस का NSD डिप्लोमा, और बिनोद का मास्टर्स तो गज़ब है, पर *पंचायत* का असल मज़ा इन किरदारों की देसी समझ में है। बिनोद का “देख रहा हूँ” डायलॉग गाँव की हर गली में हिट है, और मंजू देवी की सादगी हर यूपी-बिहार की भाभी की याद दिलाती है। ये किरदार बताते हैं कि ज़िंदगी की समझ किताबों से ज़्यादा अनुभव से आती है – जैसे हमारे गाँव का वो चाचा जो कम पढ़ा-लिखा है, पर पंचायत में सबकी सुन लेता है।

*पंचायत 4* का असल संदेश यही है – डिग्री ज़रूरी है, पर तजुर्बा उससे भी बड़ा गुरु है। बनराकस की पॉलिटिकल चालाकी, प्रहलाद की वफादारी, और क्रांति देवी की हिम्मत दिखाती है कि डिग्री के बिना भी गाँव का सिस्टम चल सकता है। मेरे गाँव में एक भइया हैं, सिर्फ 10वीं पास, पर गाँव की हर समस्या का हल उनके पास है – बिल्कुल बिनोद की तरह!


सोशल मीडिया पर बिनोद का जलवा

*पंचायत 4* के रिलीज़ (24 जून 2025) के बाद X और Instagram पर मीम्स की बाढ़ आ गई। खासकर बिनोद के “देख रहा हूँ” और बनराकस के “मैदा इनका है, पर आलू हमारा” डायलॉग्स ने धूम मचा दी।

  • X पर एक यूज़र ने लिखा: “बिनोद भाई को कम मत समझो, वो गाँव का असली MBA है! #PanchayatSeason4”
  • “सचिव जी CAT पास कर गए, अब रिंकी को प्रपोज़ भी कर दिया – फुलेरा में सब सेट है!” – Instagram रील
  • “बनराकस ने क्रांति देवी को जितवाया, ये तो गाँव का चाणक्य निकला! #Panchayat4” – X पोस्ट

फैन्स को सचिव जी और रिंकी की लव स्टोरी खूब पसंद आई, लेकिन कुछ को सीज़न 4 में कॉमेडी कम लगी। एक X यूज़र ने लिखा: “इमोशनल टच गज़ब है, पर बिनोद के डायलॉग्स और हँसी की कमी खली।”


FAQs: भक्तों के सवाल, चौपाल के जवाब

1. क्या सचिव जी सच में IITian हैं?
हाँ, जितेंद्र कुमार ने IIT खड़गपुर से सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech किया है। शो में भी अभिषेक CAT पास करता है।

2. क्या बिनोद को कम समझना गलती है?
बिल्कुल! बिनोद भले शो में स्कूल ड्रॉपआउट हो, लेकिन असल में अशोक पाठक ने मास्टर्स किया है, और उसका तजुर्बा फुलेरा का हीरो बनाता है।

3. पंचायत 4 में शिक्षा का असल संदेश क्या है?
शिक्षा ज़रूरी है, लेकिन ज़िंदगी का अनुभव और समझदारी उससे भी बड़ी ताकत है, जैसा बिनोद और बनराकस दिखाते हैं।

4. किरदारों की पढ़ाई का प्रभाव उनके रोल पर कितना है?
सचिव जी की IIT पढ़ाई उन्हें सिस्टमैटिक बनाती है, रिंकी की इंजीनियरिंग मॉडर्न सोच देती है, जबकि बिनोद और प्रहलाद का तजुर्बा उनकी ताकत है।

5. क्या ये किरदार रियल लोगों पर आधारित हैं?
नहीं, ये काल्पनिक किरदार हैं, लेकिन गाँव की ज़िंदगी और किरदारों की सादगी रियल लगती है।


निष्कर्ष: बिनोद असल ज़िंदगी का मैनेजमेंट गुरु

*पंचायत 4* सिर्फ हँसी-मज़ाक या लव स्टोरी नहीं, बल्कि समाज का आईना है। सचिव जी की IIT डिग्री हो, रिंकी की इंजीनियरिंग, या बिनोद की मास्टर्स डिग्री, ये सीरीज़ बताती है कि ज़िंदगी में डिग्री के साथ-साथ तजुर्बा भी मायने रखता है। फुलेरा का हर किरदार हमें सिखाता है कि पढ़ाई और समझ का मेल ही असली कामयाबी लाता है।

तो भइया, अगर तुमने बिनोद को सिर्फ हँसी के लिए देखा, तो अगली बार ध्यान से देखो – वो गाँव का असली मैनेजमेंट गुरु है! *पंचायत 4* को Amazon Prime पर बिंज करो और नीचे कमेंट में बता – बिनोद, सचिव जी या बनराकस में से तुम्हारा फेवरेट कौन? Amazon Prime पर देखें

Internal Link: पंचायत सीज़न 1–3 का पूरा एनालिसिस
External Link: पंचायत IMDb पेज, TVF यूट्यूब इंटरव्यू

स्रोत: Prabhat Khabar, Times Now Hindi, News18 Hindi, Amazon Prime, IMDb, X Posts

Vijay Yadav

I’m the Founder & CEO of getintangible.com a platform where technology meets tradition. I write and curate powerful content across multiple sectors like education, technology, UPSC & government exams, farming, village development, digital health, and social awareness.

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