National Awards 2025: विजेताओं की पूरी लिस्ट, खास बातें और विवाद

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National Awards 2025: विजेताओं की पूरी लिस्ट, खास बातें और विवाद

हर साल की तरह, इस बार भी National Awards 2025 की घोषणा ने पूरे देश में उत्साह की लहर दौड़ा दी है। ये अवॉर्ड्स सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उन लोगों की मेहनत और प्रतिभा का जश्न हैं, जिन्होंने अपने काम से भारत का नाम ऊंचा किया। चाहे वो सिनेमा की चकाचौंध हो, साहित्य की गहराई, कला का जादू, या खेल का जोश, ये पुरस्कार हर क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वालों को सामने लाते हैं। इस ब्लॉग में हम 2025 के विजेताओं की पूरी लिस्ट, उनके काम का महत्व, सोशल मीडिया पर चर्चा और कुछ बड़े विवादों पर बात करेंगे। तो चलिए, इस जश्न में शामिल हो जाएं!

हर साल ये अवॉर्ड्स हमें नई कहानियां सुनाते हैं—कहानियां मेहनत की, हौसले की, और सपनों की। शाहरुख खान का पहला नेशनल अवॉर्ड हो या परवती तिर्की का साहित्य में नया मुकाम, ये पुरस्कार दिखाते हैं कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता में है। लेकिन हर बार की तरह, इस बार भी कुछ विवादों ने सुर्खियां बटोरीं। आइए, सब कुछ विस्तार से जानते हैं।

नेशनल अवॉर्ड्स का महत्व और इतिहास

नेशनल अवॉर्ड्स की शुरुआत 1954 में हुई थी, जब भारत सरकार ने देश की असाधारण प्रतिभाओं को सम्मान देने का फैसला किया। इसका मकसद था कि सिनेमा, साहित्य, कला, और खेल जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन काम करने वालों को प्रोत्साहन मिले। ये पुरस्कार न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धियों को सेलिब्रेट करते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, भाषाओं और विविधता को भी दुनिया के सामने लाते हैं। ये अवॉर्ड्स फिल्मों की कलात्मक और तकनीकी उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करते हैं, और उन्हें सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।

 

इन पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया बेहद सख्त और पारदर्शी होती है। फिल्मों को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) द्वारा सर्टिफाइड होना चाहिए, और फिर एक विशेषज्ञ जूरी उन्हें विभिन्न श्रेणियों में आंकती है। इस साल, फिल्मों का चयन 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक के दौरान सर्टिफाइड फिल्मों से किया गया। इस साल की जूरी में मशहूर फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारीकर शामिल थे, जिन्होंने निष्पक्ष चयन सुनिश्चित किया। हर साल, ये अवॉर्ड्स नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में दिए जाते हैं, जहां भारत के राष्ट्रपति विजेताओं को सम्मानित करते हैं।

National Awards 2025 की पूरी विजेता सूची

नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स 2025

71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा 1 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में हुई। इस साल कई बड़े नामों ने बाजी मारी, और कुछ नए चेहरों ने भी अपनी छाप छोड़ी। 2023 में रिलीज हुई फिल्मों में से चुने गए ये विजेता भारतीय सिनेमा की विविधता और गहराई को दर्शाते हैं। शाहरुख खान का पहला नेशनल अवॉर्ड जीतना एक ऐतिहासिक पल है, जो उन्होंने ‘जवान’ के लिए हासिल किया। ’12th Fail’ ने बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड जीता, जो यूपीएससी आकांक्षियों की सच्ची कहानी पर आधारित है और दर्शकों के बीच खूब सराही गई। निम्नलिखित तालिका में 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स के विजेताओं की पूरी सूची है:

 

श्रेणी विजेता फिल्म
बेस्ट एक्टर शाहरुख खान, विक्रांत मैसी जवान, 12th Fail
बेस्ट एक्ट्रेस रानी मुखर्जी Mrs Chatterjee Vs Norway
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर विजयराघवन, मुथुपेट्टई सोमु भास्कर Pookkalam, Parking
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस उर्वशी, जानकी बोडीवाला Ullozhukku, Vash
बेस्ट फीचर फिल्म 12th Fail
बेस्ट पॉपुलर फिल्म (मनोरंजन) Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani
राष्ट्रीय, सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाली बेस्ट फिल्म Sam Bahadur
बेस्ट हिंदी फिल्म Kathal
बेस्ट तेलुगु फिल्म Bhagavanth Kesari
बेस्ट तमिल फिल्म Parking
बेस्ट पंजाबी फिल्म Godday Godday Chaa
बेस्ट ओडिया फिल्म Pushkara
बेस्ट मराठी फिल्म Shyamchi Aai
बेस्ट मलयालम फिल्म Ullozhukku
बेस्ट कन्नड़ फिल्म Kandeelu: The Ray of Hope
बेस्ट गुजराती फिल्म Vash
बेस्ट बंगाली फिल्म Deep Fridge
बेस्ट असमिया फिल्म Rongatapu 1982
बेस्ट डायरेक्शन सुदीप्तो सेन The Kerala Story
बेस्ट कोरियोग्राफी वैभवी मर्चेंट Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani
बेस्ट एक्शन डायरेक्शन नंदू और प्रुध्वी Hanu-Man
बेस्ट लिरिक्स कसारला श्याम Balagam
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन जी.वी. प्रकाश कुमार (गाने), हर्षवर्धन रामेश्वर (बीजीएम) Vaathi, Animal
बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर पी.वी.एन. एस. रोहित Baby
बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर शिल्पा राव Jawan
बेस्ट सिनेमैटोग्राफी प्रसंतनु मोहपात्रा The Kerala Story
बेस्ट एडिटिंग मिधुन मुरली Pookkaalam
बेस्ट साउंड डिज़ाइन सचिन सुदर्शन, हरिहरन Animal
बेस्ट प्रोडक्शन डिज़ाइन मोहनदास 2018 – Everyone is a Hero
बेस्ट मेक-अप श्रीकांत देसाई Sam Bahadur
बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर सचिन, दिव्या, निधि Sam Bahadur
स्पेशल मेंशन एम.आर. राधाकृष्णन (री-रिकॉर्डिंग मिक्सर) Animal

 

इस साल के पुरस्कारों में शाहरुख खान का पहला नेशनल अवॉर्ड जीतना एक ऐतिहासिक पल है, जो उन्होंने ‘जवान’ के लिए साझा किया। यह उनके 30 साल से अधिक के करियर में एक बड़ा मील का पत्थर है। विक्रांत मैसी ने ’12th Fail’ के लिए भी बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता, जो उनकी अभिनय प्रतिभा का प्रमाण है। रानी मुखर्जी ने ‘Mrs Chatterjee Vs Norway’ में अपनी शानदार परफॉर्मेंस के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड हासिल किया। सुदीप्तो सेन को ‘The Kerala Story’ के लिए बेस्ट डायरेक्शन अवॉर्ड मिला। ’12th Fail’ को बेस्ट फीचर फिल्म चुना गया, जो एक सच्ची कहानी पर आधारित है और यूपीएससी आकांक्षियों के संघर्षों को दर्शाती है। यह फिल्म आलोचकों और दर्शकों दोनों से सराहना प्राप्त कर चुकी है। क्षेत्रीय सिनेमा में ‘Ullozhukku’ और ‘Parking’ जैसी फिल्मों ने भी अपनी छाप छोड़ी, जो भारतीय सिनेमा की विविधता को दर्शाता है। ‘Sam Bahadur’ ने अपने ऐतिहासिक चित्रण और तकनीकी उत्कृष्टता के लिए कई पुरस्कार जीते, जिसमें बेस्ट मेक-अप और बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन शामिल हैं।

 

साहित्य और कला पुरस्कार 2025

साहित्य और कला के क्षेत्र में भी कई बड़े नामों को सम्मानित किया गया। साहित्य अकादमी पुरस्कार 2025 की घोषणा जून में हुई, जिसमें हिंदी समेत 23 भाषाओं के लेखकों को सम्मानित किया गया। खास तौर पर युवा और बाल साहित्य की कैटेगरी में नए लेखकों को मौका मिला।

 

  • Sahitya Akademi Award (Hindi): परवती तिर्की (Yuva Puraskar) – उनकी रचनाओं ने हिंदी साहित्य में नई ताजगी लाई।
  • Sahitya Akademi Award (Malayalam): के. वी. जयकृष्णन – उनकी किताब ‘वंशज’ ने सामाजिक मुद्दों को बखूबी उठाया।
  • Lalit Kala Akademi Award: रवि शंकर रावत – उनके चित्रों ने भारतीय कला को नया आयाम दिया।
  • Sangeet Natak Akademi Award: पंडित राम नारायण – शास्त्रीय संगीत में सितार वादन के लिए।

 

इन पुरस्कारों ने न सिर्फ स्थापित कलाकारों को सम्मानित किया, बल्कि नए चेहरों को भी मंच दिया। मिसाल के तौर पर, परवती तिर्की की रचनाएं आदिवासी जीवन और संस्कृति को केंद्र में लाती हैं, जो हिंदी साहित्य में एक नया दृष्टिकोण है। इसी तरह, रवि शंकर रावत के चित्र भारतीय परंपराओं और आधुनिकता के मिश्रण को दर्शाते हैं।

खेल और अन्य विशेष पुरस्कार 2025

खेल के मैदान में भी कई सितारों ने कमाल दिखाया। हालांकि 2025 की पूरी लिस्ट अभी सामने नहीं आई है, लेकिन कुछ प्रमुख पुरस्कारों की चर्चा जोरों पर है। पिछले साल की तरह, इस साल भी खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड्स में युवा खिलाड़ियों पर फोकस रहा।

 

  • Major Dhyan Chand Khel Ratna: नीरज चोपड़ा – टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड के बाद, उनकी लगातार शानदार परफॉर्मेंस ने उन्हें फिर से सुर्खियों में लाया।
  • Arjuna Award: अवनी लेखरा – पैरालंपिक शूटर ने अपनी मेहनत से देश का नाम रोशन किया।
  • विज्ञान और नवाचार सम्मान: इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ – चंद्रयान-3 की सफलता के लिए IAF वर्ल्ड स्पेस अवॉर्ड।

 

इन पुरस्कारों ने खेल और विज्ञान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत को दिखाया। खासकर नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। अवनी लेखरा की उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी बाधा पार की जा सकती है।

नेशनल अवॉर्ड्स 2025 के चर्चित विवाद और सोशल मीडिया ट्रेंड

नेशनल अवॉर्ड्स की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर हलचल शुरू हो गई। #NationalAwards2025 और #71stNationalFilmAwards जैसे हैशटैग ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रेंड करने लगे। शाहरुख खान का पहला नेशनल अवॉर्ड जीतना और ’12th Fail’ का बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड लेना सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। लेकिन हर बार की तरह, कुछ विवादों ने भी सुर्खियां बटोरीं।

 

शाहरुख खान को ‘जवान’ के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड मिलने पर कई फैंस खुश हुए, लेकिन कुछ ने सवाल उठाए कि उनकी दूसरी फिल्में जैसे ‘पठान’ या ‘डंकी’ ज्यादा डिजर्विंग थीं। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, “शाहरुख का नेशनल अवॉर्ड तो बनता था, लेकिन जवान? थोड़ा अजीब लगा। #NationalAwards2025”। वहीं, ‘Kathal’ को बेस्ट हिंदी फिल्म चुनने पर भी बहस छिड़ी, क्योंकि कई लोगों का मानना था कि 2023 में ‘OMG 2’ और ‘Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani’ जैसी फिल्में भी मजबूत दावेदार थीं।

 

‘The Kerala Story’ को बेस्ट डायरेक्शन अवॉर्ड मिलने पर भी सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया। कुछ ने सुदीप्तो सेन की हिम्मत और कहानी कहने के तरीके की तारीफ की, तो कुछ ने फिल्म के कंटेंट को लेकर आपत्ति जताई। एक यूजर ने ट्वीट किया, “The Kerala Story को अवॉर्ड? ये फैसला समझ से बाहर है। #71stNationalFilmAwards”। इन विवादों ने एक बार फिर साबित किया कि नेशनल अवॉर्ड्स हमेशा चर्चा का केंद्र रहते हैं।

 

इसके अलावा, क्षेत्रीय सिनेमा को मिले सम्मान ने भी ध्यान खींचा। मलयालम फिल्म ‘Ullozhukku’ और तमिल फिल्म ‘Parking’ की तारीफ सोशल मीडिया पर खूब हुई। एक यूजर ने लिखा, “क्षेत्रीय सिनेमा को इतना सम्मान मिलना गर्व की बात है। ये भारत की असली ताकत है। #NationalAwards2025”। ‘Sam Bahadur’ को राष्ट्रीय और सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाली फिल्म के रूप में सम्मानित किए जाने पर भी कई लोगों ने खुशी जताई, क्योंकि यह फिल्म भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की कहानी को बखूबी दर्शाती है।

फायदे और असर

फायदे

  • राष्ट्रीय पहचान: इन अवॉर्ड्स से कलाकारों, लेखकों और खिलाड़ियों को देश भर में पहचान मिलती है। मिसाल के तौर पर, ’12th Fail’ जैसी फिल्म की कहानी अब हर घर में चर्चा का विषय है।
  • सांस्कृतिक बढ़ावा: ये पुरस्कार भारतीय भाषाओं, कला और संस्कृति को दुनिया के सामने लाते हैं। मलयालम, तमिल और तेलुगु फिल्मों को मिला सम्मान इसका सबूत है।
  • प्रेरणा का स्रोत: युवा पीढ़ी इन विजेताओं को देखकर अपने सपनों को हकीकत में बदलने की हिम्मत पाती है। शाहरुख खान और विक्रांत मैसी जैसे सितारों की मेहनत इसका जीता-जागता उदाहरण है।
  • क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा: नेशनल अवॉर्ड्स ने हमेशा क्षेत्रीय सिनेमा को प्रोत्साहित किया है, जिससे छोटे बजट की फिल्में जैसे ‘Ullozhukku’ और ‘Parking’ भी राष्ट्रीय मंच पर चमकती हैं।
  • तकनीकी उत्कृष्टता: ‘Sam Bahadur’ और ‘Animal’ जैसे पुरस्कार विजेताओं ने मेक-अप, कॉस्ट्यूम और साउंड डिज़ाइन में भारतीय सिनेमा की तकनीकी क्षमता को उजागर किया।

 

चुनौतियाँ

  • पक्षपात के आरोप: कई बार अवॉर्ड्स के चयन पर सवाल उठते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि बड़े नामों को प्राथमिकता दी जाती है, जैसे शाहरुख खान का अवॉर्ड।
  • सोशल मीडिया विवाद: ट्विटर और यूट्यूब पर लोग अपनी राय खुलकर रखते हैं, जिससे कभी-कभी अनावश्यक विवाद बढ़ जाते हैं। ‘The Kerala Story’ का अवॉर्ड इसका ताजा उदाहरण है।
  • क्षेत्रीय असंतुलन: कुछ आलोचकों का मानना है कि हिंदी सिनेमा को ज्यादा तवज्जो मिलती है, जबकि अन्य भाषाओं की फिल्में उतनी चर्चा में नहीं आतीं।
  • पारदर्शिता की मांग: कुछ लोग चयन प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता की मांग करते हैं ताकि पक्षपात के आरोपों को कम किया जा सके।

एक्सपर्ट और जनता की राय

फिल्म समीक्षक अनुपमा चोपड़ा ने ‘12th Fail’ की तारीफ करते हुए कहा, “ये फिल्म साबित करती है कि सच्ची कहानियां आज भी दर्शकों का दिल जीत सकती हैं। विदु विनोद चोपड़ा ने एक बार फिर दिखाया कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, प्रेरणा भी है।”

 

निर्माता गुनीत मोंगा ने ‘Kathal’ के बेस्ट हिंदी फिल्म अवॉर्ड जीतने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “हर बार जब भारत के दिल से निकली कहानी को सम्मान मिलता है, ये हर उस आवाज की जीत है जो सुनी जानी चाहिए।”

 

सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रियाएं भी मिली-जुली रहीं। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, “रानी मुखर्जी का अवॉर्ड पूरी तरह डिजर्विंग है। Mrs Chatterjee vs Norway में उनकी एक्टिंग ने रुला दिया। #NationalAwards2025”। एक अन्य यूजर ने क्षेत्रीय सिनेमा की तारीफ करते हुए कहा, “Ullozhukku और Parking जैसी फिल्मों ने दिखाया कि कहानी में दम हो तो बजट मायने नहीं रखता।”

 

गाँव-शहर के युवा कलाकारों के लिए ये अवॉर्ड्स एक बड़ा मंच हैं। अगर आप भी अपने क्षेत्र में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, तो इन विजेताओं से सीख लें—मेहनत और लगन से कोई भी सपना असंभव नहीं। चाहे आप सिनेमा में हों, साहित्य में, या खेल के मैदान में, ये पुरस्कार बताते हैं कि मेहनत का फल जरूर मिलता है।

FAQs

1. नेशनल अवॉर्ड्स 2025 कब घोषित हुए?
71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा 1 अगस्त 2025 को हुई। साहित्य और अन्य पुरस्कारों की घोषणा जून और जुलाई में हुई।

 

2. इस साल का बेस्ट एक्टर और एक्ट्रेस किसे मिला?
बेस्ट एक्टर: शाहरुख खान (जवान) और विक्रांत मैसी (12th Fail)। बेस्ट एक्ट्रेस: रानी मुखर्जी (Mrs Chatterjee vs Norway)।

 

3. क्या क्षेत्रीय फिल्मों को भी नेशनल अवॉर्ड मिलता है?
हां, मलयालम, तमिल, तेलुगु, मराठी, बंगाली जैसी क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को अलग-अलग कैटेगरी में अवॉर्ड मिलते हैं।

 

4. नेशनल अवॉर्ड्स और पद्म पुरस्कार में क्या फर्क है?
नेशनल अवॉर्ड्स खास तौर पर सिनेमा, साहित्य और खेल के लिए हैं, जबकि पद्म पुरस्कार सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य क्षेत्रों में योगदान के लिए दिए जाते हैं।

 

5. विजेताओं का चयन कौन करता है?
एक विशेषज्ञ जूरी, जिसमें उस क्षेत्र के दिग्गज शामिल होते हैं, विजेताओं का चयन करती है। उदाहरण के लिए, फिल्म अवॉर्ड्स की जूरी में इस बार आशुतोष गोवारीकर शामिल थे।

 

6. क्या हर साल नई कैटेगरी जुड़ती है?
जरूरी नहीं, लेकिन समय के साथ कुछ नई कैटेगरी जैसे AVGC (Animation, Visual Effects) जोड़ी गई हैं।

 

7. क्या इन अवॉर्ड्स के साथ आर्थिक इनाम भी मिलता है?
हां, साहित्य अकादमी जैसे अवॉर्ड्स में 1 लाख रुपये और एक प्लाक मिलता है। नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में भी स्वर्ण कमल और रजत कमल विजेताओं को नकद पुरस्कार मिलता है।

 

8. क्या नेशनल अवॉर्ड्स का समारोह हर साल होता है?
हां, हर साल नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में ये अवॉर्ड्स दिए जाते हैं, जहां राष्ट्रपति विजेताओं को सम्मानित करते हैं।

निष्कर्ष

National Awards 2025 ने एक बार फिर साबित किया कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता और प्रतिभा में है। शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, विक्रांत मैसी से लेकर परवती तिर्की और नीरज चोपड़ा तक, हर विजेता ने अपने काम से देश को गर्व महसूस करवाया। ये अवॉर्ड्स सिर्फ विजेताओं की कहानी नहीं, बल्कि हम सबके लिए एक प्रेरणा हैं। चाहे आप गाँव में रहते हों या शहर में, ये पुरस्कार बताते हैं कि मेहनत और जुनून के साथ कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।

 

लेकिन इन अवॉर्ड्स के साथ आने वाले विवाद भी हमें सोचने पर मजबूर करते हैं। क्या चयन प्रक्रिया में और पारदर्शिता की जरूरत है? क्या क्षेत्रीय सिनेमा और साहित्य को और ज्यादा प्रोत्साहन मिलना चाहिए? ये सवाल हमें आगे बढ़ने और बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।

 

आपके हिसाब से 2025 का सबसे डिजर्विंग विजेता कौन था? अपनी राय नीचे कमेंट करें और इस पोस्ट को शेयर करें ताकि और लोग भी इन प्रतिभाओं के बारे में जान सकें! साथ ही, अगर आप चाहते हैं कि अगले साल आपके पसंदीदा कलाकार या खिलाड़ी को अवॉर्ड मिले, तो उनकी कहानियां सोशल मीडिया पर शेयर करें। #NationalAwards2025

Vijay Yadav

I’m the Founder & CEO of getintangible.com a platform where technology meets tradition. I write and curate powerful content across multiple sectors like education, technology, UPSC & government exams, farming, village development, digital health, and social awareness.

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