दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का मतदान संपन्न हो चुका है और अब सभी की निगाहें 8 फरवरी को आने वाले चुनावी नतीजों पर टिकी हैं। इस बार मतदान प्रतिशत 58% दर्ज किया गया है, जो 2020 के 62.55% और 2015 के 67% के मुकाबले कम है।

मतदान के तुरंत बाद जारी किए गए एग्ज़िट पोल्स के अनुसार, दिल्ली में बीजेपी सत्ता में वापसी करती दिख रही है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।
एग्ज़िट पोल के आंकड़े: बीजेपी को बढ़त, आप को झटका
एजेंसी | बीजेपी | आम आदमी पार्टी | कांग्रेस |
मैटराइज़ | 35-40 | 32-37 | 0-1 |
चाणक्य स्ट्रैटेजीज़ | 39-44 | 25-28 | 2-3 |
पोल डायरी | 42-50 | 18-25 | 0-2 |
जेवीसी पोल | 39-45 | 22-31 | 0-2 |
पीपल्स पल्स-कोडेमा | 51-60 | 25-29 | 0-1 |
पीपल्स इनसाइट | 40-44 | 18-25 | 0-2 |
पी-मार्क | 39-49 | 21-31 | 0-1 |
लगभग सभी एग्ज़िट पोल बीजेपी को बढ़त दिखा रहे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी दूसरे स्थान पर बनी हुई है। कांग्रेस की स्थिति कमज़ोर मानी जा रही है।
एग्ज़िट पोल क्या होता है और कैसे किया जाता है?
एग्ज़िट पोल का अर्थ है, मतदान के बाद किया गया सर्वे। जब लोग वोट डालकर बाहर आते हैं, तो उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया।
कैसे किया जाता है सर्वे?
- मतदान केंद्रों पर सर्वे एजेंसियां अपने लोग तैनात करती हैं।
- हर 10वें या 20वें मतदाता से सवाल किया जाता है।
- मतदाताओं की प्रतिक्रिया के आधार पर आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है।
- इस डेटा से पार्टियों की संभावित सीटों और वोट प्रतिशत का अनुमान लगाया जाता है।
हालांकि, एग्ज़िट पोल 100% सही नहीं होते। 2004 के आम चुनाव में भी सारे एग्ज़िट पोल गलत साबित हुए थे, जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के लौटने का दावा किया गया था, लेकिन नतीजे बिल्कुल उलट आए।
एग्ज़िट पोल के नियम और कानूनी प्रतिबंध
भारत में एग्ज़िट पोल को रिप्रेज़ेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट, 1951 के सेक्शन 126A के तहत नियंत्रित किया जाता है।
मुख्य नियम:
- मतदान के दिन एग्ज़िट पोल प्रसारित नहीं किए जा सकते।
- आखिरी मतदान खत्म होने के 30 मिनट बाद ही इन्हें प्रकाशित किया जा सकता है।
- चुनाव आयोग की मंज़ूरी के बिना कोई भी सर्वे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।
इन नियमों का मकसद चुनाव को निष्पक्ष रखना और मतदाताओं को प्रभावित होने से बचाना है।
निष्कर्ष
अगर एग्ज़िट पोल के अनुमान सही साबित होते हैं, तो दिल्ली में बीजेपी की वापसी संभव है, जबकि आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। हालांकि, असली नतीजे 8 फरवरी को आएंगे, जो तय करेंगे कि दिल्ली की सत्ता किसके हाथ जाएगी।