परिचय
7 मई 2025 को तड़के 1:44 बजे, भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोगों की जान गई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने संयुक्त रूप से भाग लिया, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली ऐसी कार्रवाई थी। भारतीय सेना ने नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के प्रशिक्षण शिविर और मुख्यालय शामिल थे।
यह लेख ऑपरेशन सिंदूर के पूर्ण विवरण, इसके ऐतिहासिक संदर्भ, सैन्य रणनीति, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएँ, और इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
पहलगाम आतंकी हमला: उत्प्रेरक घटना

हमले का विवरण
22 अप्रैल 2025 को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ। आतंकवादियों ने हिंदू पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। यह हमला पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया था, और इसका उद्देश्य भारत में अस्थिरता पैदा करना था। हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने स्पष्ट रूप से नहीं ली, लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
भारत की प्रारंभिक प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले ने भारत में व्यापक आक्रोश पैदा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल को एक उच्च-स्तरीय बैठक में सशस्त्र बलों को “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” दी, ताकि वे हमले का जवाब देने के लिए समय, स्थान, और तरीके का चयन कर सकें। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कही। भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों के साथ इस मुद्दे को उठाया, और रूस, जापान, और सऊदी अरब जैसे देशों ने हमले की निंदा की।
खुफिया जानकारी और तैयारी
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने हमले के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू की। रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) और आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों की पहचान की। इन ठिकानों में प्रशिक्षण शिविर, हथियार भंडार, और आतंकी नेताओं के ठिकाने शामिल थे। 6 मई को, भारत ने 244 जिलों में सिविल डिफेंस ड्रिल आयोजित की, और सीमा पर हवाई अभ्यास शुरू किया, जो ऑपरेशन की तैयारी का संकेत था।
ऑपरेशन सिंदूर: योजना और निष्पादन
ऑपरेशन का उद्देश्य
ऑपरेशन सिंदूर का प्राथमिक उद्देश्य पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना और भविष्य में भारत के खिलाफ होने वाले हमलों को रोकना था। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई “सटीक, मापा हुआ, और गैर-वृद्धिकारी” थी, जिसका लक्ष्य केवल आतंकी ठिकाने थे, न कि पाकिस्तानी सैन्य सुविधाएँ।
लक्षित ठिकाने
ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें चार पाकिस्तान में (बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट, और एक अज्ञात स्थान) और पाँच PoK में (मुजफ्फराबाद, कोटली, और अन्य) थे। इनमें शामिल थे:
- जैश-ए-मोहम्मद: चार ठिकाने, जिनमें बहावलपुर में इसका प्रमुख प्रशिक्षण शिविर शामिल था।
- लश्कर-ए-तैयबा: तीन ठिकाने, जिनमें मुरिदके में इसका मुख्यालय शामिल था।
- हिजबुल मुजाहिदीन: दो ठिकाने, जो PoK में स्थित थे।
सैन्य रणनीति
ऑपरेशन में भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने संयुक्त रूप से काम किया। प्रमुख रणनीतियाँ थीं:
- परिशुद्धता हथियार: भारतीय वायुसेना ने विशेष परिशुद्धता वाले मिसाइल और लोइटरिंग म्यूनिशन्स (कामिकाज़ी ड्रोन) का उपयोग किया, जो लक्ष्य को सटीकता से भेद सकते हैं।
- खुफिया आधारित लक्ष्यीकरण: हमलों के लिए निर्देशांक खुफिया एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए, और सभी हमले भारतीय क्षेत्र से किए गए, जिससे सीमा पार करने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
- तीनों सेनाओं का समन्वय: यह 1971 के युद्ध के बाद पहला अवसर था जब तीनों सेनाओं ने एक साथ ऑपरेशन किया। नौसेना ने समुद्री निगरानी बढ़ाई, जबकि सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर सतर्कता बढ़ाई।
समय और कार्यान्वयन
हमले 7 मई 2025 को तड़के 1:44 बजे शुरू हुए। भारतीय सेना ने ऑपरेशन से पहले एक वीडियो साझा किया, जिसमें हथियार, गोला-बारूद, और टैंक दिखाए गए, साथ ही ट्वीट किया: “प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः” (हड़ताल के लिए तैयार, जीत के लिए प्रशिक्षित)। ऑपरेशन की निगरानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने की। हमले पूरे होने के बाद, सेना ने कहा, “न्याय हो गया। जय हिंद!”
हताहत और क्षति
भारतीय सूत्रों के अनुसार, हमलों में 75 आतंकवादी मारे गए और 55 घायल हुए। पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया कि हमलों में आठ नागरिक मारे गए और 35 घायल हुए, साथ ही दो लोग लापता थे। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
सैन्य प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने ऑपरेशन को “कायराना” और “आक्रामक” करार दिया। पाकिस्तानी सेना के डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान “अपने समय और स्थान पर जवाब देगा।”
- LoC पर गोलीबारी: पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारी तोपखाने से गोलीबारी शुरू की, खासकर पूँछ और राजौरी के भिंबर गली क्षेत्र में। भारतीय सेना ने इसे “उचित और मापा हुआ” जवाब दिया।
- हवाई दावे: पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने पाँच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, लेकिन भारतीय वायुसेना ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशन में सभी पायलट सुरक्षित हैं।
- श्रीनगर एयरबेस पर हमले का दावा: पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि उसने श्रीनगर एयरबेस पर हमला किया, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इसे “झूठी खबर” करार दिया।
नागरिक प्रभाव
हमलों के बाद, पाकिस्तान में कई क्षेत्रों, विशेष रूप से मुजफ्फराबाद, कोटली, और बहावलपुर में ब्लैकआउट की स्थिति थी। स्थानीय निवासियों ने सड़कों पर प्रदर्शन किए, और सोशल मीडिया पर अफरा-तफरी की तस्वीरें साझा की गईं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने हमलों की निंदा की और कहा कि “पाकिस्तान इसका जवाब देगा।” रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत के साथ टकराव “अब अपरिहार्य” है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से “अधिकतम सैन्य संयम” बरतने की अपील की। उन्होंने कहा, “सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है,” और दोनों सरकारों को शांति के लिए अपने कार्यालय की सेवाएँ दीं।
संयुक्त राज्य अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह जल्दी खत्म हो जाएगा।” उन्होंने इसे “शर्मनाक” स्थिति बताया और दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रख रहे हैं और दोनों देशों के नेताओं के साथ शांति के लिए बात करेंगे।
अन्य देश
- रूस: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहलगाम हमले की निंदा की और भारत के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन जताया।
- यूके: लॉर्ड तारिक अहमद ने तनाव को “खतरनाक” बताया और तत्काल अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की माँग की।
- चीन: चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की, लेकिन भारत के खिलाफ कोई स्पष्ट रुख नहीं लिया।
- ईरान: ईरान ने मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन दोनों देशों ने इसे स्वीकार नहीं किया।
वैश्विक चिंता
दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच तनाव ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 6 मई को आपात बैठक बुलाई, जिसमें संयम की अपील की गई।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
भारत में
- उड़ानें रद्द: उत्तरी भारत में वाणिज्यिक उड़ानें निलंबित कर दी गईं। इंडिगो और अन्य एयरलाइंस ने रद्द की गई उड़ानों के लिए रिफंड की पेशकश की।
- शैक्षणिक संस्थान बंद: बारामूला, कुपवाड़ा, और गुरेज में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए।
- सिविल डिफेंस ड्रिल: केंद्र सरकार ने 7 मई को कई राज्यों में सिविल डिफेंस ड्रिल आयोजित कीं, जिससे नागरिकों में युद्ध की आशंका बढ़ी।
- सार्वजनिक समर्थन: भारत में ऑपरेशन को व्यापक समर्थन मिला। सोशल मीडिया पर #OperationSindoor ट्रेंड करने लगा, और कई नेताओं, जैसे राजनाथ सिंह और किरेन रिजिजू, ने इसे “भारत माता की जय” के साथ सराहा।
पाकिस्तान में
- आर्थिक प्रभाव: हमलों के बाद ब्लैकआउट और अफरा-तफरी से आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित हुईं।
- सामाजिक अशांति: मुजफ्फराबाद और बहावलपुर में नागरिकों ने सड़कों पर प्रदर्शन किए।
- सैन्य तनाव: नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी से दोनों पक्षों में तनाव बढ़ा।
वैश्विक प्रभाव
- वित्तीय बाजार: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से वैश्विक शेयर बाजारों में अस्थिरता देखी गई।
- तेल और गैस आपूर्ति: दक्षिण एशिया में तनाव से तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि की आशंका जताई गई।
ऐतिहासिक संदर्भ
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का इतिहास लंबा है। प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं:
- 1971 का युद्ध: भारत-पाकिस्तान युद्ध, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
- 1999 का कारगिल युद्ध: पाकिस्तानी घुसपैठ के जवाब में भारत ने कारगिल में सैन्य कार्रवाई की।
- 2019 का बालाकोट हवाई हमला: पुलवामा हमले के जवाब में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हवाई हमले किए।
ऑपरेशन सिंदूर को 2019 के बालाकोट हमले से तुलना की जा रही है, लेकिन इसकी तीव्रता, तीनों सेनाओं की भागीदारी, और लक्ष्यों की संख्या इसे और महत्वपूर्ण बनाती है।
सैन्य और तकनीकी विश्लेषण
हथियार और तकनीक
- लोइटरिंग म्यूनिशन्स: भारत ने कामिकाज़ी ड्रोन का उपयोग किया, जो लंबे समय तक हवा में रहकर लक्ष्य को भेद सकते हैं।
- मिसाइल सिस्टम: आकाश मिसाइल सिस्टम और अन्य स्वदेशी मिसाइलों का उपयोग किया गया।
- खुफिया निगरानी: सैटेलाइट इमेजरी और ड्रोन निगरानी ने लक्ष्यों की सटीक पहचान की।
रणनीतिक महत्व
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य क्षमता और आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को प्रदर्शित किया। यह ऑपरेशन भारत की स्वदेशी हथियार प्रणालियों, जैसे आकाश मिसाइल और डीआरडीओ द्वारा विकसित ड्रोन, की प्रभावशीलता को भी दर्शाता है।
भविष्य की संभावनाएँ
भारत-पाकिस्तान संबंध
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और जटिल कर दिया है। पाकिस्तान की प्रतिशोध की धमकी और LoC पर गोलीबारी से तनाव बढ़ने की आशंका है।
अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और अन्य देशों की मध्यस्थता की पेशकश से शांति वार्ता की संभावना बढ़ी है। हालांकि, दोनों देशों की कठोर नीतियाँ इसे जटिल बना सकती हैं।
क्षेत्रीय स्थिरता
दक्षिण एशिया में दो परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच तनाव से क्षेत्रीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है। अफगानिस्तान, चीन, और अन्य पड़ोसी देशों की प्रतिक्रियाएँ भी स्थिति को प्रभावित करेंगी।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है। यह ऑपरेशन पहलगाम हमले का जवाब देने के साथ-साथ भारत की सैन्य और तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करता है। हालांकि, इसने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है। दोनों देशों के बीच शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और संयम की आवश्यकता है। भारत ने अपनी कार्रवाई को “न्याय” बताया, जबकि पाकिस्तान ने इसे “आक्रामकता” करार दिया। भविष्य में स्थिति का विकास दोनों देशों की नीतियों, क्षेत्रीय गतिशीलता, और वैश्विक हस्तक्षेप पर निर्भर करेगा।